गझल - उम्मीद


Comments

  1. बहुत अच्छी ग़ज़ल सचिन जी...

    अनु

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  2. कोई अरसे बाद आज आया इतना पास था,
    वोह बात करके फासले क्यों बढ़ाये तुमने...............
    सार्थक रचना .....अच्छी ग़ज़ल......... पर .कहना चाहूँगा
    पर बात करके ही बात बनती है,
    क्यों न बात करके घटायें हमने फासले अपने

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