हिंदी - भजन - प्रभूजी
ll भजन ll
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है
किसीभी प्राणी के आंख से उसकी विपदा समझने लगे है ll १ ll
धन के खातिर खुद को पिसा, घिस लिया जीवन को
उस धन की भविष्यको लेकर, हम चिंतीत रहेने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है ll २ ll
दुःख तो बहुत सहे, और भी सहने लगे है
सबको भये वो पर, मुझे तेरी याद का साधन लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है ll ३ ll
अगणित दिन बस बीतत चले है; क्या सच क्या झूठ भ्रम ये बड़े है
कर्मही सबमे खरे लगने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है ll ४ ll
पाप पुण्य कैसे समझ में आए, कौन हमें सही राह दिखाए
भक्तिही केवल इक साधन लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है ll ५ ll
चित्त हमारा शांत किये है, आपकी कृपा के लायक बनने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है ll ६ ll
श्रीगुरुचरणरज,
© सचिन पुरुषोत्तम कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com
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