हिंदी - भजन - प्रभूजी

ll भजन ll

प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है

प्रभूजी आप चराचर में दिखने लगे है
किसीभी प्राणी के आंख से उसकी विपदा समझने लगे है          ll  ll

धन के खातिर खुद को पिसा, घिस लिया जीवन को
उस धन की भविष्यको लेकर, हम चिंतीत रहेने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में  दिखने लगे है                        ll  ll

दुःख तो बहुत सहे, और भी सहने लगे है
सबको भये वो पर, मुझे तेरी याद का साधन लगे है
प्रभूजी आप चराचर में  दिखने लगे है                        ll  ll

अगणित दिन बस बीतत चले है; क्या सच क्या झूठ भ्रम ये बड़े है 
कर्मही सबमे खरे लगने लगे है  
प्रभूजी आप चराचर में  दिखने लगे है                        ll  ll

पाप पुण्य कैसे समझ में आए, कौन हमें सही राह दिखाए
भक्तिही केवल इक साधन लगे है
प्रभूजी आप चराचर में  दिखने लगे है                        ll  ll


चित्त हमारा शांत किये हैआपकी कृपा के लायक बनने लगे है
प्रभूजी आप चराचर में  दिखने लगे है                        ll  ll

श्रीगुरुचरणरज,  

© सचिन पुरुषोत्तम कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com

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