हिंदी - भजन - हे मेरे प्रभू, नरवीर नरोत्तम
हे मेरे प्रभू, नरवीर नरोत्तम
हर युग इक, अवतार पुरुषोत्तम
हर अवतार में, जन दु:ख संवारे
कलियुगमें, दत्तअवतार पधारे
तिन शिरोवाले, तीनो लोक संभाले
छे हात तुम्हारे, षडरिपू संहारे
शंख चक्र गदा लेके, आप अवतारे
हम पामर दिन अब, आप के सहारे
पढ़ चुका चरित, आप की लीला अदभुत
दुःख न चुकत, न कृपा कंही दिखत
प्रभुजी अब न खेलो, और ऑंखमिचौली
देखो हर पल मेरी, हर घटिका बीत चली
सूरजसे तेज तुम्हारा, दिव्य मुखकमल
चाँद भी मुरझाये, ऐसी कृपा शीतल
दोनों बाजु खड़े, दो दो श्वान
पैरोतले रिक्त जगह, जहाँ मेरा प्राण
आप परम परमात्मा, आप हो दिव्य विभूति
तुम सम न तारणहार, ये हम जानत भलीभाती
कंधे पे लेकर चले, क्या छुपाया है झोली में
तुम्हरी कृपा का इक टुकड़ा, डालदो हमारे जीवन में
गुरुमहाराज चरणरज,
सचिन पु. कुलकर्णी
© सचिन पु. कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com
Nice!
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