Bhajan published on Antaraal Diwali Ank 2011.
http://antaraal.com/e107_v0617/content.php?content.2504-----------------------------------------------------------------------------------------------आज २८ सप्टेंबर २०११....... नवरात्री....... मायमाउली चरणी हे भजन समर्पित.
सेवा पाऊलांची देई आई.....
सेवा पाऊलांची, देई आई
सेवा पामराची, घेई
होता तुझी कृपा, आई
दु:ख दैन्य, संपून जाई
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा पामराची घेई
पाप कितीक झाले, जड डोई
ठावे नाही कुठे, नशीब नेई
काम काही करावे, म्हणता
हाती फळ लागत, नाही
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा लेकराची घेई
रूपे तुझी कितीक, आगळी
आम्हा मायेची, सावली
कधी दुर्गा, कधी अंबाबाई
वाघजाई कधी, फोड्जाई
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा पामराची घेई
माय, महिषासुरमर्दिनी
पद्मजावती; पद्मावती; वडजाई
माय तूच गं, तुळजाई
माझ्या कुलदेवीची, रूपे सारी
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा पामराची घेई
पद्मजावती; पद्मावती; वडजाई
माय तूच गं, तुळजाई
माझ्या कुलदेवीची, रूपे सारी
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा पामराची घेई
नाही पदरी पुण्य, ना धन
चित्त राही न, श्रीयावान
दु:ख सुटता सुटत, नाही
माय पावगे तू, लवकरी
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा लेकराची घेई
चित्त राही न, श्रीयावान
दु:ख सुटता सुटत, नाही
माय पावगे तू, लवकरी
सेवा पाऊलांची देई आई.....सेवा लेकराची घेई
मायमाउली
चरणरज,
© सचिन पु. कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com
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