ll भजन ll
गुरूजी तुम कब आओगे
गुरूजी तुम कब आओगे
झुरत रहे हम तुम्हरे कारन
कब दिख पाए तोहरे चरण
कित जुग बितरे गए कित जनम
भुगत रहे हम न जानो कित करम ll १ ll
साथ छुटे तोहर हुवे हम विफल
साथ मिले तो हो जनम सफल
कथु ढूंढे तोहे कथु जाके पावे
मन जाने है तुम ह्रदय में समावे ll २ ll
संसार छुटे या दुनिया रूठे
हम है यंहा तेरे चरणों के प्यासे
राह दिखत हम पुकार करेंगे
मन जानत नाहे तुम कब आओगे
गुरूजी तुम कब आओगे ll 3 ll
श्रीगुरुचरणरज,
© सचिन पुरुषोत्तम कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com
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