श्याम मिलन को मन है मोहित
श्याम मिलन को, मन है मोहित
कहाँ गए आपको, अँखियाँ शोधित
आ जाओ, मोहन प्यारे चिरायु
थक गए नैन, कहाँ तुम्हे पाऊ ll १ ll
बादल से पानी, बरसे तो जीवन
सूरज से धुप, बरसे तो उर्जा
चाँद से ठंडी, छाया श्यामल
तोहरा मुख दिख जाये, तो दिन सफल ll २ ll
तोहरा; माखन खाने, का इकरार
भूल हुई जो किये, हम तकरार
दया करो, आ के; हमरा माखन चुरायो
बस भी करो, राह दिखत, अब अँखं भर आयो ll ३ ll
धन्य हम, जो गोकुल में जनमे
बस; श्याम ही श्याम, हमारे मन में
भाग हमारे, जो हुवा पुण्य अवतार
दिन ढल रहा, हम दर्शन को बेक़रार ll ४ ll
नहीं हमें दुःख, जो तुम माखन चुराओ
न लगे बुरा, गर तुम मटकी भी फोड़ो
कुछ कारन; ही सही, तोहरे काम हम आवे
हम; क्या दे तुम्हे?, तुम खुद ये संसार चलावे ll ५ ll
श्रीचरणरज,
© सचिन पुरुषोत्तम कुलकर्णी
sachin.kulkarni78@gmail.com
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